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jammu: पशु बलि पर रोक फिर भी डल झील पर काटी गईं भेड़-बकरियां

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि मणिमहेश ट्रस्ट डोडा (जम्मू-कश्मीर) ने कुछ लोगों पर डल झील पर पशु बलि देने व मांस का सेवन करने के आरोप लगाए हैं। ट्रस्ट ने इस संबंध में उपायुक्त अपूर्व देवगन को शिकायत सौंपी है और पशु बलि देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।मणिमहेश ट्रस्ट डोडा के प्रधान जगदीश ठाकुर ने आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पशु बलि पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। साथ ही इसके बावजूद पिछले दिनों मणिमहेश डल झील पर काफी संख्या में भेड़-बकरियों को काटा गया है जिस पर प्रशासन व सरकार मौन है। वहीं, कमाई के चक्कर में भरमौर स्थित चौरासी मंदिर परिसर में एक समुदाय के लोगों को दुकानें किराये पर दी गई हैं, जो कि मंदिर के अंदर ही नमाज भी अता करते हैं और मांस व शराब का सेवन भी किया जाता है।इतना ही नहीं मंदिर के अंदर ही जूते व चप्पल भी बेचे जा रहे हैं, जोकि आस्था के साथ खिलावाड़ है। ट्रस्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि श्रद्धालुओं से पंजीकरण शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इसे तुरंत बंद किया जाए। उपायुक्त अपूर्व देवगन से इस संबंध में शिकायत की गई है। उन्होंने कहा कि चौरासी मंदिर में भी मांस का सेवन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार उपायुक्त ने ट्रस्ट को भरोसा दिया है कि पशु बलि देने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।मणिमहेश यात्रा के दौरान मिलने वाली हेली टैक्सी सेवा सोमवार को भी जारी रही। सोमवार को हेली टैक्सी ने भरमौर मुख्यालय स्थित हेलीपैड से गौरीकुंड के बीच कुल 23 उड़ानें भरीं। कुल 208 श्रद्धालुओं ने भरमौर व गौरीकुंड के बीच सफर किया। भरमौर से गौरीकुंड के लिए कुल 120 श्रद्धालुओं ने सफर किया। जबकि गौरीकुंड से मणिमहेश के लिए हेली टैक्सी के माध्यम से 88 श्रद्धालु पहुंचे। मंगलवार के लिए हवाई उड़ान के लिए 800 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया है।

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