जम्मू। बिजली निगम की लापरवाही के कारण पांच दिन में पांच मौतें हो गईं। मंगलवार को जहां वार्ड-सात की क्रिश्चियन कॉलोनी में खंभे के पास पड़े लोहे के सरिये में करंट आने के कारण व्यक्ति और तीन घोड़ों की मौत हो गई थी। वहीं, अब शनिवार को पनामा चौक में लाइनमैन को तारों की मरम्मत करते हुए करंट लग गया, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे के दौरान वह दो मिनट तक तारों से झूलता रहा। बाद में अन्य कर्मचारियों ने बिजली बंद करवाई और उसे उतारा। तुरंत जीएमसी में लाया गया, मगर बच नहीं सका। बड़ा सवाल यह है कि बिजली बंद थी तो करंट कैसे लगा। ऐसा ही मामला तीन साल पहले भी सामने आया था जब गांधी नगर में लाइनमैन को करंट लगा था। हादसा दोपहर साढ़े 12 बजे हुआ। लाइनमैन गुरदास सिंह निवासी विजयपुर को पनामा चौक में बिजली की मरम्मत के लिए भेजा गया। जैसे ही वह खंभे पर चढ़ा तो करंट लग गया। वह अस्थायी कर्मचारी के रूप में सेवाएं दे रहा था। बिजली निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बिजली को काम से पहले बंद करवाया था। तमाम फीडर बंद थे। जनरेटर चलने के कारण करंट आया। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। कोताही बरतने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि हादसे के लिए सीधे तौर पर अभिशाषी अभियंता और सहायक कार्यकारी अभियंता जिम्मेदार हैं। अभिशाषी अभियंता का काम आपस में सामंजस्य बनाना है, लेकिन वह अपने कर्तव्य से चूक गए। इसी तरह सहायक कार्यकारी अभियंता ने निर्देशों का पालन नहीं किया। इस कारण लाइनमैन की जान चली गई।