आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि जम्मू कश्मीर में शिया समुदाय के साथ संवाद और समन्वय की भावना को और मजबूत बनाने के लिए शनिवार को 10 मुहर्रम के अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जुलूस में शामिल हुए। बीते 34 साल में यह पहला अवसर है जब कश्मीर में मुहर्रम के मुख्य जुलूस में किसी मुख्यमंत्री, राज्यपाल या उपराज्यपाल ने भाग लिया हो। श्रीनगर में अशूरा का जुलूस बीते 34 साल से डाउन टाउन के बोटाकदल में स्थित मिर्जा यासीन के घर से निकल रहा है। काले रंग का कुर्ता पहने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह साढ़े दस बजे के करीब बोटाकदल पहुंचे। पांच अगस्त 2019 से पहले यह इलाका अत्यंत संवेदनशील माना जाता था। इस इलाके में पथराव और प्रदर्शन सामान्य माना जाता था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जुलजुना पर चादर चढ़ाई और उसके बाद हजरत इमाम हुसैन के बलिदान को याद करते हुए, मर्सिया पढ़ते हुए शिया श्रद्धालुओं का जुलूस जडीबल स्थित इमामबाड़ा के लिए रवाना हुआ। जुलूस के दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एक स्टॉल पर श्रद्धालुओं के बीच पानी, शर्बत और जूस भी बांटते नजर आए। उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस के मद्देनजर किए जाने वाले प्रबंधों की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी। आल जेएंडके शिया एसोसिएशन के अध्यक्ष और शिया धर्मगुरु इमरान रजा अंसारी ने उपराज्यपाल प्रशासन पर कश्मीर में शियाओं के प्रति उदासीनता बरतने केा आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया था।