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Jammu: बाढ़ से चरमराई व्यवस्था, जम्मू कश्मीर समेत इस राज्यों ने मांगा केंद्र से सड़कों व पुलों को लेकर यह सहयोग

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि जम्मू-कश्मीर में मौसम के मिजाज शुक्रवार को तीखे रहे। ऊधमपुर के रामनगर में भारी बारिश में मिट्टी का घर ढहने से एक महिला की मौत हो गई। इस बीच डोडा में अचानक आई बाढ़ में एक पुल बह गया। पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा के कारण तवी, चिनाब, बसंतर और उझ सहित कई नदियों में जलस्तर बढ़ा रहा। इसके साथ ही बता दें कि इस बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में रामबन के पास भूस्खलन हुआ। जानकारी के अनुसार हाईवे पर आवाजाही सुचारु रही। साथ ही माता वैष्णो देवी में हेलीकाप्टर सेवा प्रभावित रही। यात्रा मार्ग पर बारिश के बीच श्रद्धालु जयकारे लगाते बढ़ते चले गए। जम्मू शहर में वीरवार मध्य रात्रि से शुरू हुई बारिश शुक्रवार दिनभर कभी तेज तो कभी हल्की रही। वीरवार रात रामनगर के कटवालत इलाके में भूस्खलन होने से मलबा एक मकान पर गिर आया, जिससे उसकी दीवार ढह गई और उसमें दबने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मृतका की किशो देवी (65) पत्नी कपूरा बारी के रहने वाली है। कुछ दिनों से लगभग रोज हो रही बारिश की वजह से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वीरवार की रात कटवालत इलाके में रहने वाली किशो देवी घर में सो रही थी। रात के समय अचानक हुए भूस्खलन का मलबा घर पर गिरने से मकान की दीवार ढह गई और किशो देवी उसमें दब गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थानीय लोगों की मदद से मृतका के शव को मलबे से निकाला। डोडा में गंदोह के कलजुगासर इलाके में अचानक आई बाढ़ में एक पैदल पुल बह गया। मेंढर में एक घर की छत गिर गई, जिसमें तीन सदस्य बाल-बाल बच गए। रियासी जिले के चासाना इलाके में बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे बुद्धल-रियासी मार्ग अवरुद्ध हो गया। यह सड़क माहौर और गूल क्षेत्रों के माध्यम से राजौरी को रियासी और रामबन जिलों से जोड़ती है। प्रधानमंत्री के सलाहकार और हिमाचल बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी तरुण कपूर ने तीन राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान का राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर जायजा लिया। तरुण कपूर ने तीनों राज्यों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने और सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान तीनों राज्यों की तरफ से हजारों करोड़ के नुकसान को रखने के साथ एनएचएआई और नेशनल हाईवे को लेकर हुए नुकसान को ठीक करने और पुलों सहित सड़कों को रिस्टोर करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करने की मांग की गई। हिमाचल प्रदेश की तरफ से प्रदेश में सड़कों को हुए 1900 करोड़ के नुकसान को रखा गया। इसमें अभी एनएचएआई द्वारा किए जाने वाले सर्वे और रिपोर्ट को अभी तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में नेशनल हाईवे की 1025 किलोमीटर लंबी सड़कों में 212 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसके साथ ही कुल्लू-मनाली सड़क के बह जाने और उसके लिए दोबारा से सड़क बनाने और उसे ब्यास नदी से दूरी पर बनाने जिससे बाढ़ आने पर नुकसान न हो ऐसी व्यवस्था करने की मांग की गई। इसके अलावा पुलों को रिस्टोर करने की मांग को रखा गया। बता दें कि इस बैठक में तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों के अलावा, लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व सचिव सहित एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद थे। शिमला-परवाणू फोर लेने में भूस्खलन होने के कारण उसके केवल दो लेन ही रह जाने को लेकर दोबारा से कंसलटेंट नियुक्त कर इसे फोर लेन बनाने की मांग की गई।

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