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जम्मू-कश्मीर में अब ताबे व कांसे के बर्तनों में पकाया मिड-डे मील खाएंगे विद्यार्थी

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कांसा और तांबे के पात्रों में बना मिड-डे मील का भोजन परोसा जाएगा। इसे खाकर बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनेंगे। इससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 8.30 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। अभी एल्युमीनियम के बर्तनों में मिड-डे मील का खाना बन रहा है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि एल्युमीनियम हानिकारक धातु है, जिससे सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मंत्रालय के मुताबिक लंबे समय तक इन बर्तनों का इस्तेमाल होने के कारण एनीमिया और मानसिक कमजोरी सहित अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। यही नहीं बिना कोट किए हुए एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से इसकी धातु भोजन में भी मिल जाती है। खासकर बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में इस धातु के बने बर्तनों का इस्तेमाल न किया जाए। जम्मू-कश्मीर के करीब 20 हजार स्कूलों के लगभग आठ लाख 30 हजार बच्चों को मिड-डे मील का भोजन परोसा जा रहा है।

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