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देशी घी के टिन में 500 रुपये की गिरावट, काजू और बादाम के दाम भी हुए सस्ते

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अपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि देश में सरसों के तेल के बाद अब देशी घी के दाम में भी गिरावट शुरू हो गई है। अमूमन गर्मी के सीजन में दूध और उससे बने उत्पादों के दाम बढ़ते हैंए लेकिन इस बार देशी घी के दाम में बीते एक पखवारे में 500 रुपये टिन की गिरावट आई है। बताया जा रहा है कि गिरावट का दौर आगे भी जारी रह सकता है। इसी तरह सहालगी मांग के बावजूद सूखे मेवे में गिरावट हो रही है। बीते एक महीने के दौरान काजू और बादाम के दाम भी कम हुए हैं। देशी घी और सरसों तेल के गिरते दाम में लोगों को जरूर राहत दे दी है। सरसों का तेल बीते दो माह के दौरान लगातार गिर रहा है। इस वजह से उसका दाम बीते तीन वर्ष के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है। उसी तर्ज पर अब देशी घी के दाम भी गिरने शुरू हो गए हैं। देशी घी के थोक कारोबारियों ने बताया कि अलग.अलग ब्रांड के लोकल कंपनी के देशी घी जो 8000.8500 रुपये प्रति टिन के स्तर पर बिक रहा था। उसका भाव इस समय 7500.8000 रुपये तक पहुंच गया है। प्रयागराज और आसपास में चलने वाले एक अन्य ब्रांड का थोक रेट जो इस माह की शुरूआत में 8300 रुपये के करीब चल रहा थाए वह अब 7800 रुपये प्रति टिन के करीब आ गया है। देशी घी व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष श्याम जी अग्रवाल ने बताया कि कई लोकल ब्रांड के देशी घी का दाम बीते एक पखवारे के दौरान गिरा है। तमाम ब्रांड में 500 रुपये प्रति टिन की गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि इसका फायदा उन लोगों को मिल रहा है जिनके यहां शादी.विवाह आदि आयोजन हो रहे हैं। मल्टीनेशनल ब्रांड का दाम अभी पहले वाला ही है। सूखे मेवे का भी गिरा भाव सूखे मेवे का दाम भी इस बीच लगातार गिर रहा है। सबसे ज्यादा गिरावट काजू में आई है। 700.800 रुपये प्रति किलो में बिकने वाले काजू का दाम अब 600.680 रुपये पहुंच गया है। इसी तरह बादाम का दाम 675.725 से घटकर 625.650 रुपये हो गया है। किशमिश का भी दाम अब 190 से 230 रुपये पहुंच गया है। पहले किशमिश 220 से 260 रुपये किलो बिक रही थी। इसी तरह मखाना का दाम 500.520 से घटकर 450 रुपये किलो तक पहुंच गया है। मेवा के थोक कारोबारी गिरधारी अग्रवाल ने बताया कि बीते एक पखवारे के दौरान मेवे के दाम में कमी दर्ज हुई है। फुटकर व्यापारी प्रमिल केसरवानी ने कहा कि जिन फुटकर कारोबारियों के यहां पूर्व में लिया गया स्टॉक है अभी वहां मेवे के दाम कम नहीं हुए हैं। अब जो थोक बाजार से सामान लिया जाएगा तो उससे फुटकर में दाम निश्चित गिरेगा।

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