आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुरुक्षेत्र में रातभर नेशनल हाईवे पर किसानों का पड़ाव रहा। इस बीच जिससे राहगीरों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर किए जाने व जेल में बंद किसानों को रिहा करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच किसानों और सरकार के बीच दोपहर तक कोई समाधान निकल आने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही लेकिन किसानों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दोपहर तक सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो किसान पक्का मोर्चा लगा लेंगे। हालांकि किसानों ने 10:00 बजे बाद बैठक कर बड़ा फैसला लेने का निर्णय किया था। अब किसान नेता पक्का मोर्चा लगाने के ओर बढ़ रखें ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके। धरना स्थल पर किसानों के लिए हर प्रकार की सुविधा व्यवस्था की जा रही है। जहां विभिन्न गुरुद्वारों से लंगर की व्यवस्था की गई है तो वहीं मौके पर रागनी गायक भी माहौल बनाने में लगे हैं। जानकारी के अनुसार इसके साथ ही रात भर रागनी गायक रमेश ने किसानों का मनोरंजन करते रहे। जिनमें सरकार की नीतियों पर भी कटाक्ष किया गया। किसान नेता राकेश टिकैत भी रात भर हजारों किसानों के साथ नेशनल हाईवे पर जमे रहे। उन्होंने भी एलान किया है कि सूरजमुखी ही नहीं, अन्य फसलों को लेकर भी एमएसपी गारंटी कानून लागू किए जाने सहित अन्य मांगे भी रखी जाएंगी। वहीं, सरकार को धरना दे रहे किसानों का दो टूक जवाब है कि सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर किए जाने व जेल से किसान नेताओं की रिहाई होने तक नेशनल हाईवे जाम रहेगा। किसान नेशनल हाईवे पर लगातार डटे हुए हैं, संभावना जताई जा रही है कि आज 10:00 बजे बाद और भी बड़ी संख्या में किसान यहां जुटेंगे। रात 11:30 बजे ही भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना ने एलान कर दिया था कि मंगलवार 10:00 बजे फिर बैठक कर आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और संयुक्त किसान मोर्चा की भी अहम बैठक होगी। बता दें कि कुरुक्षेत्र में दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 44 पर जाम कल शाम से ज्यों का त्यों लगा है। जिससे राहगीरों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, जिला प्रशासन ने नेशनल हाईवे पिपली चौक, सदर थाना पिपली व अनाज मंडी पीपली के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी है, जिसके चलते यहां भीड़ एकत्रित नहीं की जा सकती। साथ ही कोई लाठी-डंडे लेकर घूम नहीं सकता। देर रात प्रशासन द्वारा जारी किए गए इन आदेशों के बावजूद किसान नेशनल हाईवे पर जमे हुए हैं।