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50 हजार निर्दोष लोगों की मौत के लिए यही संगठन जिम्मेदार : उपराज्यपाल

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में भूमिहीनों को निश्शुल्क जमीन आवंटन का विरोध कर रहे मुख्यधारा की राजनीतिक दलों की आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 50 हजार निर्दाेष लोगों की मौत के लिए यही संगठन जिम्मेदार हैं। वह आज यहां कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर केआइसीसी में आयोजित सुशासन के साथ पंचायत पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि यहां कुछ राजनीतिक दलों को आम लोगों का राजनीतिक व सामाजिक सशक्तिकरण और आर्थिक विकास रास नहीं आ रहा है। जानकारी के अनुसार यह वही तत्व हैं जो लोगों को हिंसा, पथराव व प्रदर्शन के लिए मजबूर करते थे। यही लोग जम्मू कश्मीर में 40-50 हजार निर्दाेष लोगों को मौत के जिम्मेदार हैं। जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने भूमिहीनों केा प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण के तहत मकान बनाने के लिए निश्शुल्क जमीन देने का एलान किया है। नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जम्मू कश्मीर में कौन बेघर और भूमिहीन है? पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी भूमिहीनों को जमीन दिए जाने के सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए इसे बाहरी लोगों को जम्मू कश्मीर में बसाए जाने का एक षड्यंत्र बताया है।
उपराज्यपाल मनोह सिन्हा ने कार्यशाला में मौजूद पंच-सरपंचों से सवाल किया कि क्या वह कोई एक ऐसा मामला बता सकते हैं जहां जमीन या मकान किसी ऐसे व्यक्ति को दी गई है जो जम्मू कश्मीर में किसी अन्य राज्य से आकर बसा है। यहां कुछ लोग शोर मचा रहे हैं कि अन्य राज्यों के नागरिकों केा जम्मू कश्मीर में बसाने के लिए जमीन दी जा रही है, यह सच नहीं है। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जम्मू कश्मीर में किसी भी अन्य राज्य के नागरिक को जमीन या मकान आबंटित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आए दिन लोग यहां सवाल पूछते हैं कि जम्मू कश्मीर में बीते चार वर्ष के दौरान क्या बदला है? मुझे लगता है कि उन्हें यहां बहाल होती शांति नजर नहीं आती है, उन्हें यहां बंद हो चुके पथराव के बारे में नहीं पता है। अब यहां पूरा साल स्कूल कालेज खुलते हैं, दुकानें देर शाम तक खुली रहती हैं। अब लोग शाम होते ही अपने घर में दुबकते नहीं हैं बल्कि देर शाम बिना किसी भय घर के बाहर घूमते हैं। अब यहां देर शाम तक रेस्तरां और होटल खुलते हैं। यह बहुत बड़ा बदलाव है। जो लोग इस बदलाव को, कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति को नहीं पचा पा रहे हैं, जिनके पेट में दर्द हो रहा है, वह लोगो को कभी इस बहाने तो कभी उस बहाने हिंसा और प्रदर्शन के लिए उकसाने का षडयंत्र करते हैं।

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