आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने उम्मीद जताई है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाओं पर चल रही सुनवाई के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा न्यायपालिका और सर्वोच्च न्यायालय में पूरा विश्वास है जो संविधान की रखवाली कर रहा है और अनुच्छेद 370 को हटाने के सभी कानूनी पहलुओं को देख रहा है। जानकारी के अनुसार डोडा के असेसी इलाके में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुलाम नबी आजाद ने उन राजनीतिक पार्टियों की आलोचना की जो अनुच्छेद 370 के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दल जम्मू कश्मीर की स्थिति को नहीं समझेंगे उसके इतिहास और भूगोल को नहीं समझेंगे। अनुच्छेद 370 किसी क्षेत्र या धर्म के साथ नहीं था। इसका फायदा कश्मीर, जम्मू व लद्दाख के लोगों को होता था इसके फायदे और नुकसान सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए एक बराबर थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जवाबदेही पर विश्वास करती है और पार्टी में जो नेता काम नहीं कर रहे उनके लिए उनकी पार्टी में जगह नहीं है। मैं पार्टी के हर नेता की प्रगति की जांच करता हूं और उसे जवाबदेह बनाता हूं। हम ब्लाक और गांव स्तर पर नेताओं से पूरा ब्यौरा हासिल करते हैं। राजौरी में छह महीने के दौरान बढ़ रहे आतंकी मामलों पर गुलाम नबी आजाद ने चिंता जताई और कहा कि इस इलाके में काफी आतंकी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने लोगों और सुरक्षाबलों से कहा कि वे राष्ट्र विरोधी तत्वों से सतर्क रहें। इससे पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा ढ़ाई साल का कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री देखे तो वहां उस समय विकास के एजेंडे पर काम किया है। सत्ता में आए तो विकास को एजेंडा पर रखकर काम किया जाएगा।