श्रीनगर के बाद अब जम्मू में भी प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिजली विभाग ने 19 जून से शहर में लगाए गए या फिर आने वाले दिनों में लगने वाले सभी स्मार्ट मीटरों को प्री-पेड में बदलना शुरू कर दिया है। हालांकि, श्रीनगर में जून से ही सभी स्मार्ट मीटरों को प्री-पेड में बदल दिया गया था। जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) के अनुसार जम्मू शहर में डेढ़ लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, जबकि श्रीनगर में अभी तक 60 हजार मीटर ही लगाए गए हैं। पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड जम्मू व कश्मीर के अधिकारियों का तर्क है कि सरकार ने यह फैसला राजस्व वसूली प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए लिया है। घरेलू उपभोक्ता हो या फिर कमर्शियल, बिजली बिल की नियमित अदायगी न करने वालों की संख्या दोनों ही वर्गों में काफी अधिक है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में बेहतर बिजली सप्लाई करने के लिए दूसरे राज्यों से खरीदी जाने वाली बिजली की देनदारी 14 हजार करोड़ से अधिक है। डिवीजन-3 के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रमेश रैणा ने बताया कि जम्मू संभाग में लगने वाले सभी स्मार्ट मीटर प्री-पेड मोड पर ही रहेंगे। पोस्टपेड का कोई विकल्प नहीं रहेगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं के लिए हर माह नियमित रूप से बिजली का बिल जमा कराना अनिवार्य हो जाएगा। यदि कोई उपभोक्ता बिजली बिल नहीं भरता है तो मोबाइल फोन कनेक्शन की तर्ज पर दी गई समयावधि के बाद उनके घर की बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी। दोबारा बिजली तभी बहाल होगी जब उपभोक्ता अपना प्रीपेड स्मार्ट मीटर अपडेट करेगा। बिजली अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मोड के बाद बिजली का दुरुपयोग भी रूकेगा। इससे उपभोक्ता जवाबदेह होगा। उसका प्रयास रहेगा कि वह बिजली का कम से कम इस्तेमाल करे ताकि उन्हें महीने के अंत में कम बिजली बिल भरना पड़े। इसके अलावा अगर उपभोक्ता बिजली का दुरुपयोग करता हुआ पाया जाता है तो उसे भारी भरकम जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा। बिल के साथ जुर्माने की राशि भरने पर ही उसके घर की बिजली सप्लाई बहाल की जाएगी। पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड जम्मू व कश्मीर के अनुसार जम्मू व श्रीनगर में स्मार्ट मीटर लगने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार 24 मार्च 2024 तक प्रदेश के दोनों मुख्य शहरों जम्मू व श्रीनगर में लाख मीटर लगाए जाने का संकल्प रखा गया है। निजी एजेंसियों द्वारा अब लगाए जा रहे सभी स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड पर ही लगाए जा रहे हैं।