अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) और उमरान मलिक (Umran Malik)- दोनों के सफर में काफी समानताएं हैं. दोनों को इंडियन प्रीमियर लीग में अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम (Indian Team) में जगह मिली. उमरान मलिक ने जून में भारत के लिए टी20 इंटरनैशनल डेब्यू किया. इसके दो सप्ताह बाद अर्सदीप को इंग्लैंड में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने का मौका मिला. अर्शदीप ने इसके बाद भारतीय टीम में अपनी जगह काफी मजबूत की. वहीं उमरान की रफ्तार ही कहीं न कहीं उनके खिलाफ गई. वह एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए. वहीं बाएं हाथ के अर्शदीप ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे.
दोनों ने करियर भले ही लगभग साथ में शुरू किया हो लेकिन गेंदबाजी के तरीके को लेकर दोनों में काफी अंतर है. अर्शदीप सिंह बाएं हाथ के स्विंग गेंदबाज हैं. जो गेंद को हवा में स्विंग करवाकर बल्लेबाज को छकाने का काम करते हैं. इसके साथ ही वह लगातार अच्छी यॉर्कर भी फेंक सकते हैं. वहीं उमरान की ताकत उनकी रफ्तार है. वह लगातर 150 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा से गेंदबाजी करते हैं. खेल के कई जानकारों का मानना है कि ये दोनों मिलकर भारतीय तेज गेंदबाजी की बहुत शानदार जोड़ी बन सकती है.
उमरान के साथ गेंदबाजी करने को लेकर अर्शदीप ने भी अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच (India vs New Zealand 3rd ODI) से पहले कहा, ‘उमरान के साथ माहौल काफी अच्छा रहता है. उसको हंसी मजाक काफी पसंद है. और जहा तक गेंदबाजी की बात है, मुझे फायदा मिल जाता है क्योंकि 155 से सीधा 135 जब खेलने आता है तो बल्लेबाज चकमा खा जाता है. हमें मैदान पर और मैदान के बाहर भी एक दूसरे का साथ बहुत पसंद है. हम इस साझेदारी को मैदान के बाहर भी जारी रखने का प्रयास करेंगे.
23 साल के इस गेंदबाज का मानना है कि वनडे इंटरनैशनल और टी20 इंटरनैशनल काफी समान हैं. 50 ओवर के फॉर्मेट मे बस आपको अधिक संयमित होना पड़ता है और कभी-कभी आराम से भी चीजों को देखना पड़ता है.
उन्होंने कहा, ‘वनडे थोड़ा लंबा मैच होता है. पार्टनरशिप अहम किरदार निभाती हैं. सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं गेंदबाजी में भी साझेदारियां काफी अहम होती हैं. मैं देखता हूं कि दूसरे छोर पर मेरा पार्टनर किस तरह की गेंदबाजी कर रहा है. अगर वह अच्छी गेंदबाजी कर रहा है और पिच से ज्यादा से ज्यादा मदद हासिल कर पा रहा है तो मैं रन रोकने की कोशिश करता हूं और उसे मदद करता हूं. आखिरकार यह एक टीम स्पोर्ट्स है. अगर मैं अटैक कर रहा हूं तो दूसरे छोर पर मेरा साझेदार सुरक्षात्मक होकर गेंदबाजी करेगा.’