प्रिंसिपल सेशन कोर्ट रामबन ने अपनी नाबालिग भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित लियाकत अली निवासी रामबन को 22 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़ित के लिए दो लाख रुपये मुआवजा तय करते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार को पीड़ित मुआवजा योजना के तहत यह राशि देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने रामबन के डिस्ट्रक्ट लीगल सर्विस अथारिटी को आर्डर की कापी भेजने का निर्देश दिया ताकि मुआवजे जारी करने के लिए सरकार से संपर्क किया जा सके। कोर्ट ने आरोपित को 50 हजार रुपये जुर्माना भी किया और कहा कि अगर आरोपित जुर्माने की राशि जमा करवाता है तो यह राशि भी पीड़ित को दी जाए।केस के मुताबिक तीन दिसंबर 2011 को पीड़ित ने एसपी रामबन के पास शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि आठ माह पूर्व आरोपित ने उससे दुष्कर्म किया था और डर के मारे वो किसी को बता नहीं पाई लेकिन अब वो आठ महीने की गर्भवती है। एसपी रामबन ने शिकायत संबंधित पुलिस थाने को भेजी जिसके आधार पर आरोपित पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने पाया कि आरोपित ने पीड़ित का अपहरण किया और उसे जबरन कैद रखते हुए दुष्कर्म किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने एक जीवन बर्बाद किया है और ऐसे जघन्य आरोप के लिए उससे किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती। कोर्ट ने तमाम सबूतों व गवाहों के बयानों के आधार पर लियाकत अली को दोषी करार देते हुए अपहरण के आरोप में दो साल व दुष्कर्म के आरोप में बीस साल तथा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।