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Jammu : सड़क पर एक ऐसा पिलर , जिसके कारण 40 दिन में 50 दुर्घटनाएं, चार की गई जान

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि जम्मू-अखनूर रोड पर सरकार ने आठ किमी फ्लाईओवर तो बना दिया, लेकिन इसे बनाने के बाद जरूरी एहतियात बरतना भूल गए। इसका नतीजा यह हुआ कि फ्लाईओवर का पिलर नंबर-89 विकास की जगह मौत का पिलर बन गया है। यहां से मुड़कर अखनूर रोड की तरफ रास्ता जाता है, लेकिन चालक रात के समय तेज गति में जब यहां से गुजरते हैं तो मोड़ नहीं दिखता। वाहन चालकों को यही लगता है कि रास्ता पिलर के साथ-साथ ही है, लेकिन वास्तव में पिलर से मोड़ काटना पड़ता है। टर्न लेने के चक्कर में तेज गति से आने वाला वाहन चालक पिलर से टकरा जाता है और इससे हादसा होता है। बीते 40 दिन में इस पिलर से टकराकर 50 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें 15 हादसों में चार लोगों की जान चली गई और 15 घायल हो गए। हर रोज रात को एक या दो वाहन पिलर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं और चालकों की जान जोखिम में पड़ रही है।
पलौड़ा के रहने वाले राहुल का कहना है कि रात में तो सड़क हादसे पिलर की वजह से आम हैं, दिन में भी हादसे हो रहे हैं। हालांकि दिन में वाहनों की आवाजाही ज्यादा होता है, इसलिए चालकों को संभलने का मौका मिल जाता है, लेकिन रात के समय अंकुश नहीं लग रहा। दोमाना पुलिस ने इस पिलर की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर एक रिपोर्ट बनाकर डीएसपी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि पिलर की वजह से हादसे हो रहे हैं। पिलर तो हटाया नहीं जा सकता, लेकिन इसके लिए 100 मीटर पीछे ही एक स्पीड ब्रेकर बनाया जाए। या फिर कोई और व्यवस्था की जाए, ताकि हादसे न हों। थाना प्रभारी कुनाल सिंह का कहना है कि रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को सौंप दी है। फ्लाईओवर बनाने के लिए पलौड़ा में कई घर तोड़े गए। इनमें एक घर 70 साल के अमरनाथ का भी था। 60 फुट लंबा घर 20 फुट का रह गया। अमरनाथ का कहना है कि जब इतने घर तोड़कर फ्लाईओवर बना दिया, तो फिर रोड भी इसी के साथ ही बना देते। दूसरी तरफ रोड क्यों बना दी। पिलर नंबर-89 के पास ऑटो स्टैंड भी है। ऑटो चालक विक्की का कहना है कि हर रोज इस पिलर की वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं। जम्मू की तरफ से जो वाहन रात के समय 100 की स्पीड में आता है। वह पिलर के पास पहुंचकर दुविधा में पड़ जाता है कि आगे कहां जाना है। कहीं पर कोई साइन बोर्ड नहीं है और कोई स्पीड ब्रेकर नहीं लगा है। डेढ़ माह पहले पटोली की रहने वाली वंदना कुमारी की सड़क हादसे में मौत हो गई। राकेश कुमार ने बताया कि उस रात करीब 10 बजे कार से वह पत्नी वंदना और साली के साथ रिश्तेदार के घर जा रहे थे। थोड़ा स्पीड में भी थे। एकदम से आगे पिलर के पास मवेशी आ गया। कार पिलर से टकराई। वह खुद कार चला रहे थे। कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। सबको चोटें आईं, लेकिन वंदना की मौत हो गई। राकेश ने कहा कि समझ में नहीं आता कि जब फ्लाईओवर सीधा बनाया गया। फिर इसको सी टर्न देने की क्या जरूरत थी। अब जो भी कोई जा रहा है, उसे तो यहीं लगेगा कि रोड फ्लाईओवर के सीधे-सीधे ही जाएगी। ऐसे लगता है कि जैसे फ्लाईओवर का डिजाइन कुछ लोगों को लाभ देने के लिए इस तरह से बनाया गया है। 30 अगस्त की रात पिलर से टकराकर दो युवक घायल हो गए। इनमें उदयवाला के 29 वर्षीय रजत मेहरा की मौत हो गई। रजत दोस्त रितिक के साथ अखनूर रोड की तरफ जा रहा था। तभी रात को पिलर से टकराए। रजत की मां गुलशन देवी का कहना है कि पति का पहले ही देहांत हो चुका है। घर में बेटा ही कमा रहा था। मुझे बताया गया कि उस पिलर की वजह से पहले भी एक्सीडेंट हुए हैं। प्रशासन को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिंए कि भविष्य में हादसों से बचा जा सके। मेरा बेटा तो चला गया, जो वापस नहीं आएगा, लेकिन कुछ उपाय करें कि किसी और मां का बेटा हादसे में न जाए।
अप

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